IQNA की रिपोर्ट के अनुसार, लंदन में इस्लामिक आयोग के प्रमुख और शेख ज़कज़की के कार्यालय के भरोसेमंद मसूद शजरा ने कहा: भारत सरकार ने शेख ज़कज़की को समय सीमा दी है कि वर्तमान परिस्थितियों और भारत सरकार द्वारा नियुक्त लोगों द्वारा उपचार को स्वीकार करें या दो घंटे में देश छोड़ दें।
उन्होंने कहा कि शेख ज़कज़की के साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार किया जा रहा है। यह कदम किसी भी अंतर्राष्ट्रीय व मानवीय मानकों के ख़िलाफ़ है वह भी उस व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार जिसने मामूली अपराध तक नहीं किया है।
अदालत ने इस बात पर सहमति जताई थती कि शेख ज़कज़की का इलाज केवल भारत में नाइजीरिया के इस्लामिक मूवमेंट द्वारा पूर्व निर्धारित एक समूह द्वारा किया जाना था, लेकिन जब वह आऐ, तो उन्हें दूसरे समूह के साथ अस्पताल में स्थानांतरित किया गया और रखा गया।और नाइजीरियाई शिया नेता के कक्ष के बाहर सुरक्षा बलों ने नामित लोगों को प्रवेश करने से रोक दिया गया।
इससे पहले खबर सामने आई थी कि भारत में अमेरिकी राजदूत शेख ज़कज़की का इलाज न करने के लिए अस्पताल पर दबाव डाल रहे थे।
इमाम खुमैनी (र.) से प्रेरित, शेख ज़कज़की ने कई वर्षों से प्रताड़ित फ़िलिस्तीनी लोगों का समर्थन करने के लिए Quds Dayपर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जो इजरायल और अमेरिकी सरकार के गुस्से का सबब हैं।
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