अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी(IQNA) ने इमरती अखबार "अल-इत्तिहाद" के अनुसार बताया कि यह कुफी ख़त और एक नीली त्वचा पर सुनहरे पानी से लिख़ा है।
विशेषज्ञ का अक़ीदा है कि यह कुरान का यह पृष्ठ ट्यूनीशिया के क़ीरवान में लिखा गया था, क्योंकि इस शहर में इस प्रकार की त्वचा आम थी।
शारजाह म्यूज़ियम ऑफ़ इस्लामिक सिविलाइज़ेशन के निदेशक इन्तेसार अल-अबिदली ने कहा: कि "कुरान की यह अनोखी प्रपत्र 4 वीं शताब्दी में लिखी गई थी और इसमें 15 लाइनें हैं।
उन्होंने कहा कि यह प्रपत्र कुरान के पुराने संस्करण से लेकर कोफी ख़त में, जो बग़ैर नुक़ते के है, और इसमें सुरा निसा के 135 से 137 आयत शामिल हैं।
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